Nalanda University History: नालंदा के बारे में तो सभी भारतवंशियों ने सुना होगा, लेकिन अब दुनिया मानने लगी है कि नालंदा से ही धर्म, विज्ञान, व्यापार, गणित और खगोल की जानकारी दुनिया को हुई.NDTV वर्ल्ड समिट में विलियम डेलरिंपल (William Dalrymple) ने इस बात का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसे विश्वविद्यालय दरअसल नालंदा विश्वविद्यालय की ही नकल हैं. तब नालंदा विश्वविद्यालय इतना विख्यात था कि वहां पढ़ने के लिए दुनिया भर के छात्र पहुंचते थे. चीन, कोरिया, जापान, नेपाल के भिक्षु वहां का दौरा करते थे.
हर विषय पर थे ग्रंथ
भारत के इतिहास के बारे में बताते हुए विलियम डेलरिंपल ने कहा कि ज़ुआन ज़ांग नाम का भिक्षु नालंदा विश्वविद्यालय गया था. नालंदा विश्वविद्यालय उस समय ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज सहित प्राचीन एशिया का नासा था. ज़ुआन जांग ने बताया था कि नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय असाधारण है.वहां बौध ग्रंथों से लेकर वेदों, विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान सहित न जाने कितने विषयों पर ग्रंथ हैं.
नकल करते थे लोग
विलियम डेलरिंपल ने कहा कि नालंदा में विभिन्न मठों और विश्वविद्यालय भवनों की योजना को देखेंगे तो पता लगेगा कि यह वैसा ही है जैसा आज हम ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पाते हैं.एक प्रांगण और फिर चार दिशाओं में जाने वाले विद्वानों के कमरे. इस तरह की बिल्डिंग नालंदा से बौद्ध धर्म और फिर इस्लामिक मदरसों में गुजरती हुई अंततः ऑक्सफ़ोर्ड और कैंब्रिज में पहुंची.इससे साबित होता है कि नालंदा विश्वविद्यालय का कितना लोगों के दिमाग पर असर रहा होगा. यही कारण है कि उसके जैसे भवन और पढ़ाई की कल्पना कर दुनिया भर में शिक्षण संस्थान खुलते गए. भारत के इतिहास को और जानने के लिए नीचे वाली खबर को क्लिक करें.
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