प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को री-इन्वेस्ट नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन के दौरान एक नई मेट्रो लाइन का उद्घाटन किया. ये लाइन पश्चिम भारत के बड़े शहर अहमदाबाद को राजधानी गांधीनगर से जोड़ेगी. इससे महानगरीय क्षेत्र के नौ मिलियन लोगों को पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित परिवहन की सुविधा मिलेगी. इस मौके पर सम्मेलन में भागीदार देश जर्मनी की विकास मंत्री स्वेन्जा शुल्ज़ भी वहां मौजूद थीं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.
600 मिलियन यूरो की इस परियोजना का एक हिस्सा जर्मन विकास सहयोग के तहत कर्ज के जरिए से लगाया गया है. वहीं बिजली का काम जर्मन प्रौद्योगिकी कंपनी सीमेंस ने किया है.
वहीं भारत के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "ये एक ऐतिहासिक पहल है जिसका हमने आज गर्व से उद्घाटन किया है. रीइनवेस्ट 2024 की गति को आगे बढ़ाते हुए, ये पहली बार है कि भारत और जर्मनी ने नवीकरणीय ऊर्जा पहल को सक्षम करने के लिए एक निवेश तंत्र बनाया है."
उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच आपसी सम्मान, साझा मूल्यों और टिकाऊ काम के लिए समान दृष्टिकोण में सहयोग का एक लंबा इतिहास है. जर्मनी भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा में हमारा विश्वसनीय भागीदार रहा है, जो उन्नत प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता और स्वच्छ ऊर्जा विकास के लिए मजबूत प्रतिबद्धता लेकर आया है.
अहमदाबाद भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक है. ये तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां के कई लोग गुजरात की राजधानी गांधीनगर और उसके आसपास काम करते हैं, जिन्हें आने-जाने में इस मेट्रो से काफी मदद मिलेगी. गांधीनगर एक नया प्रौद्योगिकी केंद्र है, जिससे अधिक से अधिक लोग दोनों शहरों के बीच आवागमन करते हैं.
इस रैपिड रेल से समय की भी काफी बचत होगी, क्योंकि इससे अपेक्षाकृत कम समय में यात्रा पूरी हो जाती है. 12 डिब्बे वाली इस ट्रेन में 1,150 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसमें 3,200 से अधिक लोग यात्रा कर सकते हैं, क्योंकि इसमें यात्रियों के खड़े होकर यात्रा करने के लिए भी पर्याप्त जगह है.
ये ट्रेन 359 किलोमीटर की दूरी तय कर 5.45 घंटे में अहमदाबाद पहुंचेगी. इसकी अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि 359 किलोमीटर की इस पूरी यात्रा की औसत गति 65 किलोमीटर प्रति घंटा है.
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