मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में निर्वाचन आायोग ने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से शुक्रवार को सुझाव मांगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कार्य दिवस पर मतदान का सुझाव दिया, जबकि कांग्रेस ने 'आवासीय सोसाइटी' में मतदान केन्द्र बनाने पर आपत्ति जताई. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए नवंबर में चुनाव कराए जाने की संभावना है.
हाकिम ने बताया कि उनकी पार्टी 'आवासीय सोसाइटी' में मतदान केंद्र स्थापित करने के फैसले का विरोध करती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ये भी मांग की है कि पुलिस थाने में लंबे समय से तैनात सिपाहियों और वरिष्ठ पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया जाए.
मिहिर कोटेचा और आशीष शेलार ने भाजपा का प्रतिनिधित्व किया. शेलार ने कहा कि जिन मतदाताओं को मेट्रो रेल कार्यों और अन्य परियोजनाओं के कारण कहीं और स्थानांतरित होना पड़ा है, उन्हें वोट डालने की अनुमति दी जानी चाहिए.
कोटेचा के अनुसार, भाजपा ने निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक बूथ पर 1,000 से ज्यादा मतदाता नहीं होने चाहिए, अभी ये आंकड़ा 1,500 से 1,600 के बीच है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सुझाव दिया है कि मतदान कार्य दिवस पर होना चाहिए और लंबे सप्ताहांत से बचा जाना चाहिए.
शिवसेना (यूबीटी) के सुभाष देसाई ने कहा कि उनकी पार्टी ने सुझाव दिया कि मतदाताओं, खासकर वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि संभव हो तो चुनाव कम चरणों में ही होने चाहिए.
सत्तारूढ़ शिवसेना के पूर्व लोकसभा सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि उनकी पार्टी ने मांग की है कि चुनाव एक ही चरण में कराए जाने चाहिए. शेवाले ने कहा कि पार्टी ने यह भी मांग की है कि चुनाव खर्च की सीमा में 20 लाख का इजाफा किया जाए.
उन्होंने कहा, '80 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को घर से मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए. मतदान केंद्रों को अच्छी तरह से सुसज्जित किया जाना चाहिए ताकि मतदाताओं को परेशानी न हो.'
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी एक चरण में चुनाव कराना और चुनाव खर्च में बढ़ोतरी चाहती है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव और मांगे रखीं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य प्रशासनिक सचिवों के साथ चुनाव तैयारियों की समीक्षा की.
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