मुंबई की एक अदालत ने घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले में विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे को शुक्रवार को 26 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया. होर्डिंग गिरने की घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी. भिंडे को बृहस्पतिवार को राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया. भिंडे की ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने घाटकोपर में विशाल होर्डिंग लगाया था, जो 13 मई को धूल भरी तेज आंधी के दौरान एक पेट्रोल पंप पर गिर गया था.
घटना के बाद से भिंडे फरार था, जिसके खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने भिंडे को गिरफ्तार करने के बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के. एस. जनवार के समक्ष पेश किया और 14 दिनों की हिरासत मांगी.
पुलिस के मुताबिक, एक होर्डिंग के प्रबंधन के लिए पांच करोड़ रुपये की जरूरत होती है और इसलिए भिंडे के व्यवसाय के वित्तीय पहलू की जांच करने की जरूरत है. पुलिस ने बताया कि इसके अलावा होर्डिंग लगाने के लिए किसने मंजूरी दी और किसने उसे प्रमाण-पत्र दिए इसकी जांच की भी जरूरत है. आरोपी की ओर से पेश हुए वकील रिजवान मर्चेन्ट ने दावा किया कि पुलिस ने भिंडे को गिरफ्तार करने का आधार नहीं बताया, जिस कारण रिमांड याचिका अवैध है.
वकील ने दलील दी कि भिंडे दिसंबर 2023 में कंपनी के निदेशक बने थे, जबकि गैर कानूनी होर्डिंग के लिए अनुबंध ईगो मीडियो को नवंबर 2022 में दिया गया था, इसलिए जो भी हुआ उसके लिए उनके मुवक्किल को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को 26 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
बृहन्मुंबई नगर निगम के मुताबिक, उसने होर्डिंग लगाने की मंजूरी नहीं दी थी.
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