Friday 23 February 2024

UCC की ओर असम का पहला कदम, मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट को खत्म करने का लिया फैसला

असम सरकार ने समान नागरिक कानून (UCC) की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है. हेमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट 1930 को खत्म करने का फैसला लिया. शुक्रवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके बाद अब सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत की जाएंगी. सरकार के मुताबिक, बाल विवाह को रोकने के मकसद से सरकार ने ये कदम उठाया है.

हेमंता बिस्वा सरमा की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट के मामलों से जुड़े 94 लोगों को एकमुश्त 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.

UCC बिल पर ओवैसी ने उठाए सवाल, कहा - ''यह हिंदू कोड से ज्यादा और कुछ नहीं''

हाईकोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में बनाई गई थी कमिटी
असम सरकार ने बहुविवाह रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी काफी पहले से कर ली थी. राज्य सरकार ने इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज वाली एक स्पेशल कमिटी बनाई थी. कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों की चार महिलाओं से शादी परंपरा अनिवार्य नहीं है. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस रिपोर्ट पर कहा था कि सभी सदस्यों की सर्वसम्मत राय है कि असम राज्य के पास बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने की विधायी क्षमता है. असम सरकार अनुच्छेद 254 के तहत इस पर कानून बना सकती है.

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के लागू होने के बाद हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के बीच बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया, ईसाइयों के बीच ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 द्वारा और पारसियों के बीच पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936 द्वारा बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया. हालांकि, बहुविवाह अभी भी जारी है. 

समान नागरिक संहिता थोप नहीं सकते, संविधान लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता देता है : प्रकाश आंबेडकर

AIUDF नेता ने जताई थी आपत्ति
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF)के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना है, "बहुविवाह केवल मुसलमानों में नहीं है बल्कि अन्य समुदाय में भी है. लिहाजा केवल चुनिंदा मुसलमानों को टारगेट करना उचित नहीं है."

2026 तक बाल विवाह पर नया कानून लाने पर विचार
इससे पहले सीएम सरमा ने फरवरी 2023 में कहा था कि हमारा रुख स्पष्ट है, असम में बाल विवाह को रुकना चाहिए. बाल विवाह के खिलाफ हम नया कानून लाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं. 2026 तक हम बाल विवाह के खिलाफ नए कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जहां जेल की अवधि दो साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी.

कानून की कसौटी पर कितना खरा उतरेगा उतराखंड का UCC बिल? जानें- क्या कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील



from NDTV India - Latest https://ift.tt/2aQRqUI

No comments:

Post a Comment