Thursday 19 October 2023

RRTS के स्टेशनों पर AI तकनीक से होगी सामान की जांच

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के स्टेशनों पर सामान की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे प्रतिबंधित या निषिद्ध सामान की पहचान होने पर सुरक्षा कर्मियों को चौकन्ना किया जा सकेगा. एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (आरआरटीएस) के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले हिस्से का उद्घाटन करेंगे. इस मार्ग पर यात्री सेवाएं शनिवार सुबह छह बजे से शुरू हो जाएंगी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आरआरटीएस के सभी स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) को सौंपी है और प्राथमिकता वाले खंड के स्टेशनों पर सुरक्षा बल की तैनाती कर दी गयी है.'' राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अनुसार स्टेशनों पर जांच करने और अपराधों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस एक त्वरित प्रतिक्रिया दल, बम निरोधक दस्ता और श्वान दस्ता तैनात करेगी.

आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण एनसीआरटीएस द्वारा रैपिडएक्स सेवा के लिए किया जा रहा है. यह केंद्र सरकार का दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों के साथ संयुक्त उपक्रम है. एनसीआरटीसी को दिल्ली से मेरठ के बीच देश के पहले आरआरटीएस के निर्माण की निगरानी का काम सौंपा गया है. अधिकारी ने कहा कि एनसीआरटीसी चाहता है कि आधुनिक तकनीक और एआई का इस्तेमाल कर सुरक्षा जांच के समय को यथासंभव कम से कम किया जाए.

उन्होंने कहा कि साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक इस कॉरिडोर पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद कमिश्नरेट तथा मेरठ जिले के एक-एक थाने को राज्य सरकार ने रैपिडएक्स नेटवर्क में शामिल किया है और प्रत्येक स्टेशन पर कानून व्यवस्था के लिए एक पुलिस चौकी बनाने का भी प्रावधान है. अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि इसी दिशा में स्टेशनों पर सामान जांच प्रणाली एआई-संचालित प्रौद्योगिकी से युक्त होगी. इस प्रणाली में अंतरराष्ट्रीय यात्रा में स्वीकार्य आकार के सामान की भी आसानी से जांच की जा सकेगी.

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